आज हमें यह तो पता है कि मौहम्मद गौरी को पृथ्वीराज चौहान ने 16 बार हराया था लेकिन क्या किसी को पता है कि मौहम्मद गौरी को हराने वाली एक रानी भी थी ? जी हाँ मौहम्मद गौरी को चालुक्य की रानी नायकी देवी ने करारी शिकस्त दी थी | उस समय गौरी मुल्तान जीतकर अनहिलवाड की और चल पड़ा | चालुक्य नरेश अजयपाल की म्रत्यु हो गई थी और उनके पुत्र अभी छोटी आयु के थे | इसलिए रानी नायकी देवी को ही राज्य सम्भालना था | लेकिन जब रानी को गौरी के हमले की खबर मिली तो उसने सेना की कमान अपने हाथों में ली और उसे रोकने के लिए चल पड़ी | रानी को पता था अगर गौरी को यहाँ नहीं रोका गया तो वो सोमनाथ मन्दिर तक पहुँच जायेगा और पुरे दक्षिण राजस्थान और गुजरात पर मुस्लिम सत्ता आ जाएगी | नायकी देवी ने आबू की पहाड़ी की तलहटी में कयरूद्र नामक ग्राम के पास विशाल मैदान पर शत्रु से टक्कर लेने का निर्णय किया | मूलराज को साथ लेकर रानी नायकी देवी रणभूमि में उतरी और दिन भर के युद्ध के बाद युद्ध क्षेत्र अफगानों का कब्रिस्तान बन गया | युद्ध में मोहमद गौरी को घायल आवस्था में उसके सैनिक लेकर भाग गये | इस तरह मोहमद गौरी को रानी नायकी देवी ने बुरी तरह से हराया |
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ReplyDeleteTo ascertain fatuals