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Friday, 14 September 2018

पीरों की मज्जारों की ये सच्चाई, जानकर होंगे हैरान_एक महत्वपूर्ण जानकारी

आज भारत में पीरों की मज्जारों पर हिन्दू बड़े ही सम्मान के साथ जाता है | लेकिन क्या हमें पता है कि भारत में बहुत सी मज्जारे उन मुस्लिम हमलावरों  के नाम पर बनाई गई हैं जिन्होंने भारत पर आक्रमण करके यहाँ के मन्दिरों को तोडा और हमारी संस्कृति को तहस नहस कर दिया | आइये आज जानते है कुछ मज्जारों का ऐसा ही इतिहास |


  • बहराइच के बाले मियां पीर : यह महमूद गजनवी का भांजा था जिसने उसे सोमनाथ मन्दिर पर आक्रमण करने के लिए प्रेरित किया था | यह गजनवी के साथ भारत आया था | यह पंजाब से होते हुए बेहरीच को गया | आज भी जो मुस्लिम आक्रमणकारी युद्ध में मरे गये उनके नाम पर नजाने कितनी ही मज्जारे इस रस्ते पर बनी हुई है | आज इन लोगों के नाम के साथ गाजी पीर बाबा लगाया जाता है और गाजी का अर्थ होता है काफ़िर का वध करने वाला | जिस मिया पीर की आज म्ज्जार बनी हुई है वह 10 जून 1034 को राजा सुहेल देव के हाटों मारा गया था | 

  • लखनऊ के खम्मन पीर बाबा : यह मज्जार  लखनऊ रेलवे स्टेशन की पटरियों के  बीचो बिच स्थित है और 30 से 35 वर्षों से लगातार अपना विस्तार कर  रही है और सरकारी जमीन पर कब्जा किये हुए है इस पर लगे  पत्थर के अनुसार यह सलार मसूद गाजी के साथ आया था और युद्ध करते हुए यहाँ मारा गया था |

  • दिलकुशा लखनऊ के हजरत शहीद कासिम बाबा : यह भी सलार मसूद के साथ भारत आया था और हिन्दुओं की मारता हुआ मर गया था और इसको शहीद का दर्जा दिया गया है | 

  • मीर बख्त्यार की मजजार : इसे सालार मसूद ने कानपूर पर हमले के लिए भेजा था और वहां मारा गया | और इसकी मज़ार आज हिन्दुओं के लिए श्रधा का केंद्र है | 
  • शेख जलालुदीन तबरिजी : यह बंगाल में रहता था और इसने काफी सारी  हिन्दू जमीन पर कब्जा किया हुआ था | वह देवतलला चला गया और वहां के हिन्दू मन्दिर को तोड़ कर वहाँ खानकाह बना डाली| इसी की स्मृति में देवतलला आज तरिजाबाद के नाम से जाना जाता है |
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Reference: Pathik Sandesh...

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